*हरिद्वार* उत्तराखंड प्रदेश भर के फुटपाथ के रेहडी पटरी पर अपना व्यवसाय करने वाले (स्ट्रीट वेंडर्स) लघु व्यापारियों के समक्ष जीवन और इस कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से आजीविका की चुनौतियों को दृष्टिगत लॉकडाउन की छूट की समय सीमा 7 से 1 बजे तक प्रविधि के दौरान उत्तराखंड के सभी जनपदों व शहरी क्षेत्रों सामाजिक दूरी के साथ प्रशिक्षित खाद्य विभाग द्वारा खाद्य विक्रेताओ को पका भोजन बेचने वाले स्ट्रीट वेंडर्स की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय शहरी विकास, गरीबी उन्मूलन, उपश्रम -शहरी गरीबी रोज़गार मंत्री हरदीप सिंह पुरी, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से संयुक्त रूप से नेशनल एसो. स्ट्रीट वेंडर्स ऑफ इंडिया (नासवी) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, लघु व्यापार एसो के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने राष्ट्रीय आजीविका मिशन *एनयूएलएम* के स्व रोज़गार कार्यक्रम को गति देने के उद्देश्य की पूर्ति के साथ प्रदेश भर के खाद्य सामग्री बेचने वाले रेहडी पटरी के स्ट्रीट वेंडर्स को उत्तराखंड के सभी नगर निगमो, नगर पालिकाओ, नगर परिषदो, नगर निकायो द्वारा सभी खाद्य सामग्री बेचने वाले पंजीकृत लघु व्यापारियों को पूर्व के 2018- 19 के सरकारी सर्वे के आधार पर परिचय पत्र व कारोबारी अनुमति के साथ खाद्य भोजन सामग्री बेचे जाने की अनुमति प्रदान किये जाने की मांग को दोहराया।
इस अवसर पर नेशनल एसो. ऑफ स्ट्रीट वेंडर्स ऑफ इंडिया (नासवी) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, लघु व्यापार एसो. के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा कोविड 19 कि महामारी से बचाव के लिए जहाँ सामाजिक दूरी की अति आवश्यकता है वही फुटपाथ पर पूरी- कचौड़ी, छोले भटूरे इत्यादि खाद्य सामग्री बेचने वाले (स्ट्रीट वेंडर्स) लघु व्यापारियों की राज्य में बहुत बड़ी संख्या है। रेहडी पटरी पर खाद्य सामग्री बेचने वाले लघु व्यापारियों की आजीविका को राष्ट्रीय शहरी गरीबी रोज़गार आजीविका मिशन को गति देने के उद्देश्यो की पूर्ति के साथ सामाजिक दूरियों का पालन करते हुए मास्क, दस्ताने, सैनिटाइजर व साफ सुथरी व्यवस्था के साथ लॉकडाउन की छूट सीमा अवधि के दौरान कारोबार की अनुमति दी जाना उचित होगा। उन्होंने यह भी कहा 21 दिन लॉकडाउन की अवधि बीत चुकी है और अभी आगामी 3 मई तक लॉकडाउन का पालन करना है वही सरकार द्वारा एक एक हज़ार की अनुदान राशि की घोषणा की जा चुकी है लेकिन 21 दिन बीत जाने के उपरांत किसी भी (स्ट्रीट वेंडर्स) लघु व्यापारियों के खाते 1 रुपये की भी फूटी कौड़ी अनुदान राशि के रूप में नही आई है ऐसे में सस्ता भोजन प्राप्त करने वाले दैनिक मजदूर और मजदूरों के सामने भोजन का संकट उत्पन्न होता जा रहा है क्योंकि बहुत सारी सामाजिक संस्थाओं ने भोजन बाटना लगभग बंद कर दिया है फुटपाथ पर अपना जीवन व्यतीत करने वालो की बड़ी संख्या है उनके भोजन की पूर्ति हेतु रेहडी पटरी के खाद्य सामग्री बेचने वाले परिवारों के पालन पोषण की नैतिक जिम्मेदारी शासन -प्रशासन की है ऐसे में यदि राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत नगर निगम से सत्यापित खाद्य सामग्री बेचने वाले (स्ट्रीट वेंडर्स) लघु व्यापारियों को विशेष अनुमति व उचित प्रबंधन के साथ कारोबारी छूट दिया जाना न्यायसंगत होगा।