देहरादून जिले में आबकारी राजस्व को तगड़ा झटका लगने के आसार हैं। सरकार के निर्णय से नाराज ठेकेदारों ने अब ठेके बंद करने का फैसला लिया है। कई ठेकेदारों ने तो दुकानों के बाहर बैनर भी लगा दिए हैं। आशंका है कि 15 मई से ठेके बंद कर दिए जाएंगे। हालांकि, बृहस्पतिवार को ठेकेदारों की आबकारी आयुक्त से मुलाकात के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
चार मई को ठेके तो खोल दिए गए मगर ठेकेदारों की शंकाओं का समाधान नहीं किया गया था। ठेकेदार चाह रहे थे कि उनका मार्च के नो दिनों का अधिभार माफ किया जाए। इसके अलावा अप्रैल के अधिभार पर भी निर्णय लिया जाए। इसके लिए ठेकेदार आबकारी मुख्यालय में भी संयुक्त आयुक्त से भी मिले थे। इस वार्ता में आश्वासन तो मिला मगर ठोस फैसला कुछ नहीं हुआ। अलबत्ता, सरकार के दबाव और अपने नुकसान की चिंता करते हुए ठेकेदारों ने दुकानें तो खोल दीं
अब ठेकेदारों ने 15 मई से ठेके बंद करने का फैसला लिया है। शराब ठेकेदारों का कहना है कि वर्तमान समय में शराब की बिक्री पहले से आधी भी नहीं रही है। इसका कारण यह है कि पहले शराब की दुकान सुबह 10 बजे से रात 11 बजे तक खोले जाने की अनुमति थी लेकिन अब दिन में ही खोली जा रही हैं। ऐसे में लोग शराब नहीं खरीद रहे हैं, जबकि शाम से रात तक ही शराब की ज्यादा बिक्री होती थी। इस स्थिति में निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष बिक्री कर पाना बहुत मुश्किल है।
शराब है नहीं बेचे कहां से और अधिभार चुकाएं कहां से
दरअसल, ठेकेदारों के सामने सबसे बड़ी समस्या अधिभार चुकाने की है। अधिभार तभी चुकाया जा सकेगा जब शराब बेची जाए, लेकिन शुरुआत से ही अब तक शराब की ही किल्लत चली आ रही है। ठेके और यहां तक कि गोदाम सब खाली हैं। ऐसे में जब शराब नहीं बिकेगी तो अधिभार कहां से चुकाया जाएगा।
सरकार ने नहीं लिया फैसला फिर मुख्यालय पहुंचे ठेकेदार
शराब ठेकेदारों की मांग पर सरकार ने बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में भी कोई फैसला नहीं लिया है। ऐसे में नाराज ठेकेदार फिर से आबकारी मुख्यालय का दरवाजा खटखटाने को मजबूर हुए। जहां उनकी मुलाकात आबकारी आयुक्त से नहीं हो सकी। वहां केवल संयुक्त आयुक्त बीएस चौहान ही मिल सके। चौहान ने उन्हें बृहस्पतिवार को आबकारी आयुक्त सुशील कुमार से मुलाकात करने का वक्त दिया है। इसके बाद ही शराब ठेकेदार फैसला करेंगे कि ठेकों को कितने समय तक खोलना है। शराब ठेकेदार टोनी जायसवाल ने बताया कि अभी तक सभी ठेकेदारों ने 15 मई से ठेके बंद करने का निर्णय लिया है।
कोविड सेस से घट गया शराब का लाभांश
शराब पर कोविड सेस लगने से बड़ा झटका लगा है। ऐसे में व्यापारियों ने काम करने में असमर्थता जताई है। शराब कारोबारियों ने संयुक्त आयुक्त से वार्ता में लाभांश का मुद्दा भी उठाया है। उनका कहना है कि आबकारी नियम के अनुसार शराब की एमआरपी पर 20 फीसदी लाभांश रहता था। मगर अब कोविड सेस लगा दिया गया है। इसके बाद लाभांश केवल 16 फीसदी रह गया। ऐसे में अब कारोबार करना बहुत मुश्किल हो गया है। संयुक्त आयुक्त से मिलने वालों में टोनी जैसवाल, पवन जैसवाल, प्रतीक आदि कारोबारी शामिल थे।
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