देहरादून में तैनात ड्रग विभाग के अधिकारी जहां रेमेडिसिविर की व्यवस्था राज्य के लिए कर रहे हैं । वही जिलों में तैनात ड्रग इंस्पेक्टर ऐसे गंभीर समय मे भी अपनी जिम्मेदारियों की खानापूर्ति कर रहे है। आलम यह है कि कोटद्वार में तैनात इंस्पेक्टर कोटद्वार की भौगोलिक परिस्थितियों से भी अच्छी तरीके से वाकिफ नहीं है ऐसे में उनके पास मुखबिर होने का तो कोई सवाल ही नहीं होता। दिल्ली क्राइम ब्रांच तक इतनी बड़ी खबर पहुँच गई लेकिन कोटद्वार में तैनात निरीक्षक को इसकी भनक तक नही लगी। कोटद्वार में दिल्ली क्राइम ब्रांच ने इतनी बड़ी कंपनी का भंडाफोड़ किया है ऐसे में विभाग के उन अधिकारियों पर सवाल उठना भी लाजमी है कि आखिरकार इनकी अपने क्षेत्रों में किस तरीके की पकड़ है । उत्तराखंड में दिल्ली क्राइम ब्रांच ने तीन शहर हरिद्वार, रुड़की और कोटद्वार में बड़ी छापेमारी की है। जिसमें नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। शर्मसार करने वाली यह घटना पौड़ी क्षेत्र के कोटद्वार की है जंहा रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली नकली फैक्ट्री का दिल्ली क्राइम ब्रांच ने भंडाफोड़ किया है। जहां पूरे देश में इस इंजेक्शन की किल्लत देखने को मिल रही है वही इस इंजेक्शन की कालाबाजारी भी जमकर हो रही थी। दिल्ली क्राइम ब्रांच को मुखबिर से सूचना मिली थी कि उत्तराखंड के कोटद्वार में नकली इंजेक्शन बनाने वाली फैक्ट्री चल रही है। बड़ी बात यह भी है कि उत्तराखंड पुलिस को मुखबिर द्वारा सूचना नहीं मिल पाई। सूत्र बताते हैं कि मुखबिर ने दिल्ली क्राइम ब्रांच को सूचना देकर छापेमारी करवाई है।छापेमारी के बाद पुलिस ने गैंग के पांच सदस्यों को भी गिरफ्तार किया है।
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