मामला कोटद्वार कौड़िया चेकपोस्ट का है जहां दो नाबालिग बॉर्डर पार करने की कोशिश कर रही थी तब पुलिस अधिकारियों की उन पर निगाह पड़ी उनसे पूछताछ करने पर पता चला कि उनके पास किसी प्रकार के कागजात उत्तराखंड आने के नहीं मिले जब पुलिस अधिकारी को शक हुआ तो उन्होंने उन नाबालिक लड़कियों से पूछताछ की कुछ पूछता से पता लगा एक नाबालिग चमोली जिले से सब्जी के ट्रक में छिपकर कई दिनों पहले किरतपुर आ गई थी और अब वह वापस चमोली जाने के लिए कोटद्वार बॉर्डर पर अपनी सहेली के साथ पहुंच गई अधिकारियों की माने तो उन्होंने तुरंत ही नजीमाबाद पुलिस को सूचित करा और एक वाहन से उनको चमोली रवाना कर दिया और दूसरी लड़की को किरतपुर सकुशल भिजवा दिया सवाल यह भी खड़ा हुआ कि जिस तरीके से लॉकडाउन के चलते पुलिस का सख्त रवैया है और किसी को आने जाने की कोई परमिशन नहीं है और बिना पास के कोई नहीं बॉर्डर पार नहीं कर सकता ऐसे में एक नाबालिग लड़की का चमोली से किरतपुर तक पहुंच जाना पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवालिया निशान खड़ा कर देता है उन अधिकारियों की सूझबूझ के लिए भी सलाम करा जाता है जिनकी सूझबूझ से सकुशल नाबालिक लड़कियां पहुंचा दी गई लेकिन सवाल यह भी खड़ा होता है कि चमोली जिले से कई बैरिकेडिंग पार करते हुए जिस तक में वह बैठ कर आए पुलिस को वह आखिरकार क्यों नजर नहीं आई कहीं पुलिस से वसूली के चलते ट्रकों की चेकिंग नहीं कर रही है
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