हैंडपंप में पानी की जगह निकल रहे हैं रुपए पैसे हैंडपंप कर रहा है पैसों की बरसात यूं कहें कि टिप टिप बरसा पानी पानी ने आग लगाई मामला कोटद्वार का है जहां श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने कोटद्वार क्षेत्र का जायजा लिया और पत्रकार सम्मान कार्यक्रम में भाग लिया सम्मान कार्यक्रम में करोना फाइटरो के योगदान को सराहा गया और करोना फाइटरों को सुविधाएं देने की बात कही गई लेकिन राज की बात यह है इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के पीछे हैंडपंप प्रकरण में हुई किरकिरी को खत्म करना और अपनी पुत्रवधू की राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करना एक मकसद निकला कार्यक्रम में पत्रकारों के पक्ष में बड़ी-बड़ी बातें कही गई पत्रकारों का सम्मान किया गया लेकिन सम्मान के पीछे छिपा था एक लिफाफा जिस लिफाफे में विभिन्न प्रकार के विभिन्न रंगों के नोट रखे हुए थे नोट इसलिए थे कि जो हैंडपंप प्रकरण में जो किरकिरी हुई है उसको खत्म करा जाए और पत्रकारों और नेताजी के बीच बनी दूरी को पाटा जाए और इन हरे हरे नोटों से पुल का निर्माण करा जाए जिस पुल के द्वारा उनकी पुत्रवधू राजनीति में पदार्पण कर सकें मामला जहरीखाल के हेण्डपम्प प्रकरण से जुड़ा है जहां उत्तराखंड के मंत्री हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अपना एनजीओ महिला उत्थान समिति को संचालित करती हैं मामला तब तूल पकड़ा जब हरक सिंह रावत की पुत्रवधू ने सार्वजनिक हैंडपंप पर मोटर लगाई और अपने कार्यालय तक पानी पहुंचा दिया था जब यह बात सार्वजनिक हुई पर चर्चाओं में आई तो आनन-फानन ने उस मोटर को हटा दिया गया इस मामले में ना ही किसी जल संस्थान के अधिकारी ने कुछ जवाब दिया ना ही एसडीएम लैंसडौन लेकिन मामला तूल पकड़ चुका था इसलिए मोटर हटानी जरूरी हो गई थी अब मोटर तो हट गई लेकिन पत्रकारों और नेताजी के बीच में जो खाई थी उसको भी पाटना था उस खाई को पाटने के लिए नेताजी ने रंग बिरंगे रंगों के नोटों की थैलियां बना डाली और पत्रकारों का सम्मान कर दिया पत्रकारों का सम्मान अच्छी बात है लेकिन इस तरह के सम्मान खबरों को दबाने की लिए एक बड़ी साजिश नजर आ रही है औऱ समाज को आइना दिखाने वाले पत्रकारों को महुँ बंद कर बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी और पत्रकारिता की साख पर सवालिया निशान भी खड़े हो सकते हैं समाज में जो बातें उजागर होनी चाहिए उन पर पर्दा भी पड़ सकता है
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