देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल महानगर व महानगर महिला प्रकोष्ठ द्वारा बाहरी आउटसोर्सिंग एजेंसी को उत्तराखंड में मानव संसाधन का कार्य आवंटित न किये जाने की मांग को लेकर महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्य को ज्ञापन सौंपकर इस दिशा में कार्यवाही किये जाने का आग्रह किया और कहा कि दल इसके विरोध में आंदोलन करेगा और इस दौरान उन्होंने राज्यमंत्री रेखा आर्य से इस्तीफे की मांग की है।
यहां उत्तराखंड क्रांति दल महानगर महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष किरण रावत कश्यप के नेतृत्व में कार्यकर्ता महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्य से मिलेे और उन्होंने बाहरी आउटसोर्सिंग एजेंसी को उत्तराखंड में मानव संसाधन का कार्य आवंटित न किये जाने की मांग को लेकर महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्य को ज्ञापन सौंपकर इस दिशा में कार्यवाही किये जाने का आग्रह किया है और उन्होंने कहा कि विभागीय स्तर पर कार्यवाही गतिमान है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कोई कार्यवाही होती है तो इसके लिए आंदोलन किया जायेगा।
इस अवसर पर उक्रांद नेताओं ने कहा कि उत्तराखंड में पहले से ही उत्तराखंड सरकार द्वारा उपनल तथा पीआरडी जैसी सरकारी आउटसोर्सिंग एजेंसियां इस कार्य हेतु पहले से ही नामित और संचालित है। उत्तराखंड में पहले से ही दर्जनों प्राइवेट सेक्टर की आउटसोर्सिंग एजेंसियां इस कार्य हेतु पहले से ही संचालित है।
उक्रांद नेताओं ने कहा है कि उत्तराखंड में पहले से ही दर्जनों सरकारी व प्राइवेट सेक्टर की एजेंसी बखूबी अपनी सेवाएं दे रही हैं, जो वांछित कार्यों हेतु पहले से ही अनुभव प्राप्त हैं।
उक्रांद नेताओं ने कहा है कि उत्तराखंड में मानव संसाधन उपलब्ध कराने वाली आउटसोर्सिंग एजेंसी सरकारी और प्राइवेट क्षेत्र में पहले से संचालित होने के चलते यह उपयुक्त नहीं होगा कि उत्तराखंड से बाहर की आउटसोर्सिंग एजेंसियों को उत्तराखंड में कार्य दिया जाए। उत्तराखंड से बाहर की एजेंसियों को कार्य दिए जाने से उत्तराखंड के लोगों के रोजगार के अवसर भी प्रभावित होंगे।
उक्रांद नेताओं ने कहा कि इसके अतिरिक्त आउटसोर्सिंग एजेंसियों में जो भी मानव संसाधन की सेवाएं दी जाए, उसमें मूल निवास और स्थाई निवास प्रमाण पत्र की अनिवार्यता की मांग उत्तराखंड क्रांति दल करता है। आउटसोर्सिंग एजेंसी के मार्फत सेवारत अथवा अनुबंधित होने वाले कर्मचारियों में आरक्षण के रोस्टर का पालन करना सुनिश्चित किया जाए। आउटसोर्सिंग एजेंसी के मार्फत कार्य दिए जाने पर तथा आरक्षण के रोस्टर का पालन न किए जाने के कारण उत्तराखंड के अनुसूचित जाति, जनजाति महिला, पिछड़ा वर्ग, गरीब आदि के प्रशिक्षित बेरोजगार नियुक्ति के अवसर पाने से वंचित रह जाएंगे। जो रोजगार और आजीविका के नैसर्गिक अधिकार तथा संविधान की मूल भावना के भी खिलाफ होगा। उत्तराखंड में आउटसोर्सिंग एजेंसी के मार्फत तैनात होने वाले कर्मचारियों के लिए मूल निवास और अस्थाई निवास की बाध्यता का पालन नहीं करती हैं। उक्रांद नेताओं ने कहा कि आउटसोर्सिंग के जरिए की जाने वाली नियुक्तियों में उत्तराखंड के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग तथा आरक्षण के अन्य तमाम रोस्टर का पालन करने में असफल रहती है तो फिर इस पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। ऐसा न करने पर उन्होंने राज्य मंत्री से त्याग पत्र देने की मांग की है।
इस अवसर पर ज्ञापन देने वालों में सुनील ध्यानी, लताफत हुसैन, किरण रावत कश्यप, राजेश्वरी रावत, सीमा रावत, मीनाक्षी सिंह, नरेश गोदियाल, शांति प्रसाद भटट, बिजेन्द्र रावत, समीर मुडैपी आदि कार्यकर्ता शामल थे।
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