नासा ने दावा किया है कि बीते गुरुवार एक उल्कापिंड पृथ्वी के बेहद करीब से होकर गुजरा है। ये दूरी चांद और पृथ्वी के बीच की दूरी से से 20 गुना ज्यादा कम था। नासा ने इससे पहले बयान देकर कहा था कि 10 मीटर का यह उल्का पिंड धरती और चांद के बीच की दूरी के दसवें हिस्से जितना दूर रहेगा। वर्चुअल टेलीस्कोप प्रोजेक्ट के अनुसार, 2017 EA नाम का यह उल्कापिंड हमारे ग्रह के बेहद करीब रहेगा
मॉस्क लगे चेहरे जैसी है आकृति
मॉस्क जैसी आकृति का कारण इस पर मौजूद पहाड़ी नुमा स्थान और खाली मैदानों की लकीरें हैं। जब यह धरती के पास होगा तब इसकी दूरी पृथ्वी व चांद की दूरी की 15 गुना दूरी के समान होगी। धरती से चांद की दूरी 3 लाख किमी है, यानी यह उल्का पिंड पृथ्वी से 30 लाख से भी अधिक किमी की दूरी से गुज़र जाएगा। लेकिन यह अपने आप में बड़े आकार का है। 1998 में नासा ने इसका पता लगा लिया था, इसी के चलते इसका नाम 1998 OR2 रखा गया है।
29 अप्रैल को 19 हजार किमी की गति से पृथ्वी के करीब से गुजरेगा अब देखना यह है कि इससे कोई खतरा तो नहीं है.
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