कोटद्वार जहां करोना फाइटर पर आम जनता फूल वर्षा कर स्वागत कर रही है मालाएं पहना रही है और उनका हौसला बढ़ा रही है वहीं कोटद्वार में एक संवेदनहीनता का मामला सामने आया है मामला यू है कि हृदय गति रुकने से एक करोना फाइटर दिनेश चंद्र की मौत हो गई संवेदन हीन SDM कोटद्वार योगेश मेहरा और स्थानीय प्रशासन उनकी सुध लेने भी नहीं पहुंचा मृतक दिनेश चंद रात भर SDM कोटद्वार के घर पर ड्यूटी दे रहे थे और ठीक 5:00 बजे सुबह हो जब घर पहुंचे उन्हें हार्ट अटैक हो गया और उनकी मौत हो गई आनन-फानन में परिवार वाले उनको अस्पताल ले गए लेकिन प्रशासन वह भी नहीं पहुंचा संवेदनहीनता की बात तब हुई शुरू जबकि एसडीएम कोटद्वार योगेश मेहरा और कोई भी अधिकारी उनके घर पर संवेदना व्यक्त करने तक नहीं पहुंचे करोना फाइटर दिनेश चंद की मौत ने लोगों को हिला दिया है सवाल खड़े कर दिए कि करोना जैसी महामारी में जहां लोग दिन रात का ड्यूटी दे रहे हैं वहीं अधिकारी इतने संवेदनहीन कैसे हो गए कोटद्वार एसडीएम योगेश मेहरा की संवेदनहीनता तब देखने को जब द्वारीखाल ग्रामीण प्लाटून के होमगार्ड दिनेश चंद 55 वर्षीय जोकि तहसील कोटद्वार में ड्यूटी दे रहे थे उनका हार्टअटैक से देहांत हो गया एसडीएम कोटद्वार योगेश मेहरा उनको अस्पताल में भी देखने नहीं गए जिस दिन इनका देहांत हुआ उस दिन रात SDM कोटद्वार के आवास पर उनकी ड्यूटी थी और वह सुबह 5:00 बजे ड्यूटी कर घर लौटे थे घर लौटते ही उनको हार्ट अटैक हो गया और उनकी मौत हो गई सवाल सरकार पर भी खड़े हो जाते हैं कि जब कोई क रोना फाइटर ऑन ड्यूटी अपनी जान दांव आता है तो सरकार उनके परिवार की कैसे सुधरेगी सरकार को उन को एक अच्छा मुआवजा देकर सांत्वना देना चाहिए यह भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि यहां के मंत्री संत्री विधायक कहां है और कब क रोना फाइटर के परिवार की सुध लेंगे रात दिन ड्यूटी करने वाले क रोना फाइटर की मदद सरकार क्यों नहीं कर रही जनता की यह मांग है कि उनके परिवार को 50 लाख तक का मुआवजा दिया जाए जिससे उनका परिवार अपना भरण-पोषण कर सके
