हरिद्वार– संन्यासी अखाड़ों के बाद अब विरागी अखाड़ों के संतो ने भी अपने-अपने गंतव्यो की और रवानगी शुरू कर दी है दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद सबसे पहले सन्यासी अखाड़ों ने कुंभ समाप्ति का निर्णय लिया था ओर उन्होंने कहा था कि 27 अप्रैल का शाही स्नान सांकेतिक रूप से करेंगे लेकिन बेरागी अपने शाही स्नान को लेकर अड़े हुए थे और उनका कहना था कि हम 27 तारीख का शाही स्नान करने के बाद ही अपने-अपने ग खालसो को रवाना करेंगे लेकिन अब बेरागी अखाड़ों से जुड़े संतो का भी हौसला डगमगाने लगा है बेरागी कैंप में लगे संतो के पंडाल भी अब उतरने लगे हैं और साधु-संतों ने रवानगी शुरू कर दी है । बेरागी संत बोला दास का कहना है कि जिस उम्मीद से हरिद्वार कुंभ में आए थे वह उम्मीद अब टूटने लगी है दरअसल जो स्वरूप हमने हरिद्वार महाकुंभ के लिए सोचा था वह स्वरूप उस से बिल्कुल कोरोना के कारण बिल्कुल उल्टा हो गया है इतना ही नहीं शाम को चलने वाली रासलीला और रामायण में भी भक्तों की संख्या ना के बराबर ही है इसलिए हमने समय से पहले पंडालों को समेटने का निर्णय लिया है हालांकि 27 तारीख का शाही स्नान हमारे गुरु हमारे द्वारा किया जाएगा जिस तरह से कोरोना महामारी इस समय हरिद्वार में फैल रही है उसको देखते हुए हमने सभी भक्तो का यह आदेश दिया है कि आप सबसे पहले सुरक्षित रहें आप सुरक्षित रहगे तो आने वाले समय में धर्म सुरक्षित रहेगा।
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