खनन माफिया फोटोस्टेट रवंनों से कर रहे हैं खनिजों से भरे ट्रकों को पार स्टेट से बाहर
लॉकडाउन के चलते जहां 4:00 बजे के बाद आम आदमी सड़कों पर नजर नहीं आते हैं वही आपको रात दिन सड़कों पर ओवरलोड डंपर घूमते नजर आ जाएंगे खनन माफियाओं के सामने प्रशासन नतमस्तक है और प्रशासन किसी अधिकारी को ना ही पुलिस को यह मौत की तरह दौड़ते हुए डंपर दिखाई नहीं देते हैं उत्तराखंड के शहर कोटद्वार ओवरलोड डंपर आपको सड़कों पर मौत की तरह दौड़ते हुए नजर आएंगे लेकिन प्रशासन ने ओवरलोड डंपरों की तरफ तरह देखना बंद कर दिया है क्योंकि प्रशासन के मुंह पर चांदी का जूता खनन माफियाओं ने मार दिया है
कोटद्वार में नदियों की सफाई के नाम पर कुछ टेंडर हुए थे जिनमें की को नदी सुखरो नदी शामिल है मानकों को ताक पर रखकर खनन माफिया ने खो नदी और शुक्ल और नदी का सीना चीर दिया है मानव की की अगर बात करें तो डेढ़ मीटर तक आप नदी को खोज कर उसकी सफाई कर सकते हैं लेकिन खनन माफियाओं ने 15 15 20 20 मीटर तक गहरे गड्ढे नदी में कर दिए हैं यहां तक कि खनन माफियाओं ने नदियों के किनारे भी अपनी मशीनों से खोद दिए हैं आने वाले समय में आसपास के लोगों के लिए जान का खतरा बना हुआ है प्रशासन की आंखें बंद है प्रशासन मूक दर्शक बनकर देख रहा है अगर टेंडर के नियमों की बात करें तो एक ही मशीन नदी में उतारने की बात कही गई है लेकिन खनन माफियाओं ने नदी में 4-4 पोकलेन मशीन है नदी में उतार दिए एसडीएम ऑफिस से चंद कदम दूर हो नदी और थाने से चंद कदम दूर हो नदी में हो रहे इस तरह के पुलिस को दिखाई नहीं दे रहे हैं पुलिस प्रशासन सिर्फ अपनी जेबें गर्म कर रहा है और चैन की नींद सो रहा है