उत्तराखंड के उत्तरकाशी में लॉकडाउन में फंसा विदेशी युवक माइकल अब गढ़वाली भाषा भी सीख गया है। वह अपना समय खेतों में गेहूं की कटाई आदि कर बिता रहा है। माइकल मंदिर की ओर घूमने आने वाले बच्चों के बाल अपने ट्रिमर से बनाकर उनके बीच भी खासा लोकप्रिय हो गया है। वह गांव में पूरी तरह घुलमिल कर ग्रामीण जीवन का लुत्फ ले रहा इंग्लैंड में होटल कारोबार से जुड़ा 35 वर्षीय माइकल एडवर्ड बीते 14 फरवरी को टूरिस्ट वीजा पर भारत आया था। यहां वह उत्तरकाशी घूमने आया तो वरुणावत शीर्ष पर स्थित संग्राली गांव ने उसे अपनी ओर आकर्षित किया। यहां उसकी दिवाकर नैथानी से मित्रता हुई और दिवाकर ने उसे क्षेत्र का भ्रमण कराया। इस दौरान वह ऋषिकेश आदि स्थानों पर भी घूमने गया। बीते 21 मार्च को वह ऋषिकेश से उत्तरकाशी लौटा और अगले ही दिन लॉक डाउन होने के कारण वह उत्तरकाशी में ही फंस गया
यहां पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर उसने संग्राली गांव के दिवाकर से मित्रता की जानकारी दी। तब प्रशासन ने उसे संग्राली गांव स्थित विमलेश्वर महादेव मंदिर में क्वारंटीन कर दिया। दिन बीतने के साथ माइकल को यहां का रहन सहन रास आने लगा और प्रशासन द्वारा इंग्लैंड वापसी के बारे में पूछे जाने पर भी उसने कुछ समय और यहीं रहने की इच्छा जताई
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